गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान रेहण्य परिक्षेत्र पार्क के जंगलों में लकड़ी की तस्करी जोरों पर...


सूरजपुर जिले के दूरस्थ अंचल चांदनी बिहार पुर क्षेत्र में मध्य प्रदेश सीमा से सटे गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के जंगल में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई कराई जा रही है माफिया यहां के स्थानीय ग्रामीणों चंद रुपए की मजदूरी देकर पर कटवा रहे हैं इसके बाद लकड़ी की सप्लाई प्रदेश के शहरों में हो रहे हैं लकड़ी कटाई में ग्रामीणों के शामिल होने का बड़ा कारण बेरोजगारी है। वही खेती किसानी का काम गर्मी के गाने इलाके में नहीं होने से लोग माफिया के लिए काम करने लगते हैं चांदनी बिहारपुर के खोहिर, बैजनपाठ,जुड़वनीया, कोल्हुआ महुली गांव मध्य प्रदेश की सीमा में स्थित है। यह क्षेत्र घासीदास राष्ट्रीय उद्यान से घिरा हुआ है। वही महीने 2 महीने में उद्यान के कर्मचारियों द्वारा कभी-कभार एक छोटी मोटी कार्यवाही कर अपना पीठ थपथपा लेते हैं।

वही लगातार क्षेत्र में तस्करी होने की वजह से जंगलों में अब ठुठ ही ठुठ नजर आने लगे हैं। जिससे उद्यान की संपदा नष्ट हो रहे हैं
बैरियर में तस्करी की छूट आने जाने वालों से वसली

ग्राम पंचायत कोल्हुआ के मकरादुआरी में गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान द्वारा बेरिया लगाया गया है जिसमें अब लकड़ी तस्करों को खुलेआम छोड़ रहे हैं वहीं बाहर से आने-जाने वाले वाहनों से यात्री गेटपास के नाम से खुलेआम वसूली की जा रही है

रोजाना कट रहे हैं सैकड़ों से अधिक पेड़

क्षेत्र के ग्रामीणों के बीच यह चर्चा है कि क्षेत्र में 50 से अधिक तस्कर हैं। और वन विभाग एवं गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के जंगलों से सैकड़ों पेड़ रोजाना कट रहे हैं इसके कारण अब यहां के जंगल में पुराने और बड़े पेड़ खत्म होने की कगार पर है।
वही इस संबंध में गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के रेंजर ललित साय पैकरा से बात किया गया तो उनके द्वारा बोला गया कि कार्यालय में आकर जो कुछ है बात कीजिए मोबाइल से बात करना मैं उचित नहीं समझता और वही किस जगह का है मुझे वहां की लोकेशन व फोटो भेजिए वहां कर्मचारियों को भेजकर कारवाही करवाता हूं

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